देहरादून उत्तराखण्ड। रविवार को कांग्रेस मुख्यालय में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में किसान मोर्चा का अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद पहली बार हरेंद्र सिंह लाडी भी पहुंचने वाले थे। उनके स्वागत में कार्यकर्ताओं की ओर से एक बड़ा पोस्टर मुख्यालय भवन की फ्रंट दीवार पर टांगा गया था। कार्यकर्ता सुबह ही इस पोस्टर को टांग गए, लेकिन उसमें लिखे शब्दों की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। 11 बजे के आसपास मीडिया ने इस ओर कांग्रेस नेताओं का ध्यान खींचा तो पोस्टर को हटाते हुए नया पोस्टर लगा दिया गया। लाडी ने इसे प्रिंटिंग प्रेस की गलती बताया। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी कहा कि गलती का अहसास होने पर इसे बदल दिया गया। एक दिन पहले ही प्रीतम पोस्टर विवाद के बाद करन माहरा का मुख्यालय में लगने वाले पोस्टर बैनरों के तहत बयान सामने आया था। इसमें उन्होंने कहा था मुख्यालय में पोस्टर बैनर लगाने का अपना एक प्रोटोकॉल होता है, सभी को इसका ध्यान रखना चाहिए लेकिन इस बयान के दूसरे ही दिन उत्साहित कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर से पार्टी की फजीहत करा दी। पोस्टर विवाद की छाया कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ रही है। अभी तक इस मामले में कार्यकर्ता आपस में उलझ रहे थे, अब बड़े नेताओं ने भी बयानों के बाण चलाते हुए एक दूसरे पर वार किए हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम ने कटाक्ष करते हुए कहा यदि उनके पोस्टर फाड़ने से किसी को खुशी मिलती है तो रोज फाड़ें। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मुख्यालय में पोस्टर लगाने का अपना एक प्रोटोकॉल होता है।